[2022] में छोटे बच्चो को कैसे पढ़ाएं (10 बेहतरीन तरीके)

यदि आपको छोटे बच्चो को कैसे पढ़ाएं जानना है तो हमारे द्वारा लिखें गए इस लेख से मदद ले सकतेे हैं।

छोटे बच्चो को कैसे पढ़ाएं

आज के इस लेख में हम बात करेंगे कि छोटे बच्चो को कैसे पढ़ाएं क्यूंकि एक बच्चा स्कूल में अपने दोस्तो को साथ मिल जुल कर अच्छे से पढ़ लेता है पर उन्ही बच्चो को घर में पढ़ाना आसान नहीं होता है। आम तौर पर चिंता इसी बात की होती है हर एक मां बाप को कि बच्चो को घर में कैसे पढ़ाएं।

ऐसे बहुत से मां-बाप हमारे समाज में मौजूद है जो बच्चो को मार के डांट कर पढ़ाते है कि ऐसा करने से को डर कर पढ़ने लगेगा पर ब नहीं पढ़ेगा जब आपकी नजर उनसे हटेगी क्यूंकि बच्चो का स्वभाव ही भगवान ने ऐसा बनाया है कि उनसे कोई भी काम फिर चाहे पढ़ाई ही क्यूं ना हो जबरदस्ती नहीं कराई जा सकती है।

छोटे बच्चो को कैसे पढ़ाएं
छोटे बच्चो को कैसे पढ़ाएं

तो आज के इस लेख में हम उसी के बारे में जानेंगे कि माँ बाप किस तरह से बच्चो को पढ़ाएं की बच्चे पढ़ाई को मन लगाकर और एंजॉय कर के पढ़ें नाकि बोझ समझकर पढ़े-

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छोटे बच्चो को पढ़ाने का तरीका (10 बेहतरीन तरीके)

बच्चो को पढ़ाने के कई सारे कारगर तरीके उपलब्ध हैं आइए एक नजर इनपर भी डाल लेते हैं।

1- बच्चों को एकदम प्यार से पढ़ाइए

बच्चों को एकदम प्यार से पढ़ाएं क्यूंकि बच्चे बहुत ही नाजुक फूल की तरह होते हैं आपके डांटने से बहुत जल्दी मुरझा जाएंगे इसलिए उनको डांटने धमकाने से तो वो बिल्कुल नहीं पढ़ेंगे और पढ़ेंगे भी तो केवल डर से आपके सामने पढ़ेंगे।

आपके पीठ के पीछे फिर मस्ती मै जुट जाएंगे। जब तक बच्चो को प्यार से ना पढ़ाया जाए वो अपना दिमाग नहीं लगाएंगे पढ़ाई में इसलिए उनको प्रेम से पढ़ाइए।

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2- उनका दिल जीतें

छोटे बच्चों का क्या है ना कि वो उन्हीं के साथ बातचीत या अपनी चीजे साझा कर पाते हैं जो व्यक्ति उनके दिल को छू जाता है या जो व्यक्ति उन्हें पसंद आते हैं क्योंकि छोटे बच्चों का दिल बहुत कोमल होता है।

वह जल्दी से किसी से दोस्ती नहीं करते और एक बार यदि किसी को अपना बनाते हैं तो उसके साथ बहुत आसानी से घुल मिल जाते हैं और ऐसे में बच्चो को शिक्षा देना आसान हो जाता है क्यूंकि वो आपकी हर एक बात मानते है। तो कोशिश करिए बच्चे का दिल आप जीत लें।

3- पढ़ाई की शुरुआत खेल से करें

छोटे बच्चों की पढ़ाई की शुरुआत खेल से शुरू करें क्यूंकि छोटे बच्चो को खेलना बहुत पसंद होता है और अगर उनको पढ़ाई में मन लगवाना है तो खेल से शुरू करिए इससे बच्चे जल्दी से आपसे चीज़े भी सीखने लगेंगे।

बच्चों को ड्राइंग, क्राफ्ट वर्क, ये सारी चीज़े बनाना काफी पसंद होता है क्यूंकि शुरू मे उनका दिमाग extra activity मे ज्यादा लगता है तो ऐसे में उन्हें ये सारी चीज़े पढ़ाई के साथ शुरू मे सीखना कारगर होगा।

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4- उनके कमरों में चित्रकारी होना चाहिए

जिस कमरे में आप अपने बच्चो को पढ़ा रहे हैं या जिस कमरे में बच्चे रहते हैं उस कमरे में उनकी शिक्षा से संबंधित या उनके ज्ञान की चीजों से चित्रकारी करवाएं या चित्रकारी की जगह आप पोस्टर बनवा कर भी लगवा सकते हैं।

ऐसे में उन्हें वी चीज़ याद करने में बहुत आसानी होगी। क्यूंकि बच्चो का दिमाग छोटा होता है इसलिए वो भूल सकते हैं चीज़ों को पर जब उनके कमरे में ही वो सारा अनमोल ज्ञान उपलब्ध होगा तो वो जल्द से जल्द हमेशा के लिए सीख व समझ जाएंगे।

5- समय सीमा बांध दें

यदि आप चाहते हैं कि छोटे बच्चे जल्द से जल्द अपना होमवर्क पूरा करें तो आप समय सीमा बांध दें। जैसे मान लीजिए आपके बच्चे स्कूल का होमवर्क नहीं करता है और उनका ध्यान खेलने और टीवी देखने में रहता है।

तो ऐसे में आप यह कर सकते हैं की समय सीमा बाँध दें कि अभी एक से डेढ़ घंटे में अपना होमवर्क कर लो उसके बाद एक घंटा या दो घंटा टीवी देख लेना या बाहर खेल लेना या मोबाइल मे गेम खेल लेना। तो ऐसे में बच्चे उत्साहित होकर अपना ध्यान अपने होमवर्क पर पहले केंद्रित करेंगे और दिए हुए समय के अंदर होमवर्क समाप्त कर लेंगे। इससे उनकी पढ़ाई के अंदर की इच्छा शक्ति भी जागृत होगी।

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6- प्रैक्टिकल गतिविधियां अवश्य करवाएं

बच्चो को थ्यूरी से ज्यादा प्रेक्टिकल चीज़े पढ़ने में ज्यादा मजा आता है। कुछ चीजें तो आपने भी नोटिस की होगी कि बच्चों के मन में प्रेक्टिकल कर के पढ़ी हुई चीजें और किताब से पढ़ी हुई चीजें दोनों मे से जल्दी व आसानी से समझ प्रैक्टिकल पढ़ी हुई चीज़े आ जाती हैं।

ऐसे में आप उनको हर चीज़ प्रैक्टिकल करवा कर है समझिए जिसमे उनको हर चीज़ जल्दी कंठस्थ हो जाए। क्यूंकि प्रैक्टिकल करी हुई गतिविधियां बच्चो को लंबे समय तक ध्यान भी रहती हैं।

7- बच्चो के दिल की बात भी अवश्य सुनें

जैसा कि हम जानते हैं कि बच्चों का दिल बहुत ही कोमल होता है तो पढ़ाते समय व किसी भी समय हमें उनकी बातों को सुनने का व समझने का प्रयास अवश्य करना चाहिए क्योंकि बीच बीच में जो छोटे बच्चे होते हैं वह सवाल पर सवाल करते हैं।

ऐसे में हमारा फर्ज बनता है कि हम उनके सवालों के जवाब दें क्योंकि कहीं ना कहीं वह बच्चे अपने दिमाग को scaleup कर रहे होते हैं और नए ideas के बारे में भी सोचते है। इसलिए उनके दिल की बात भी अवश्य सुनें और उनके सभी प्रश्नों के उत्तर देने का प्रयास करें।

8- बच्चो का मनोबल बढ़ाएं

जब बच्चे कोई नई चीज सीखते हैं तो उनका मनोबल अवश्य बढ़ाइए और अगर किसी चीज को जल्दी नहीं सीख पा रहे हैं तो उनको प्रोत्साहन भी अवश्य दीजिए। ऐसे में बच्चों को वह चीज जल्दी सीखने की उम्मीद मिल जाती है और आपको तो पता ही है उम्मीद पर दुनिया कायम है। तो कोई भी बच्चा इस तरीके से बड़ी आसानी से पढने लगेगा।

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9- कंप्यूटर का सहारा लें

आजकल कंप्यूटर के जरिए बच्चों को आसानी से पढ़ाया जा सकता है कंप्यूटर में कई सारे ऐसे गेम्स भी होते हैं जिसके जरिए बच्चों की पढ़ाई आसान बन जाती है।

तो इस माध्यम से भी उन्हे अवश्य पढ़ाएं इसे अलावा आजकल बच्चों की बुक्स में उन्हे CD मिलती है उस CD को कंप्यूटर या लैपटॉप के माध्यम से बच्चो को अवश्य दिखाएं ऐसे में उन्हें को चीज़ सीखने में ज्यादा मजा आएगा क्यूंकि वो कंप्यूटर पर एक प्रोजेक्टर ही भांति देखेंगे और जिनके पास लैपटॉप या कंप्यूटर नहीं है वो ये चीज़ मोबाइल से भी कर सकते हैं इंटरनेट पर आज कल हर चीज़ available है।

10- बच्चो की तारीफ करें इनाम दे

जब कोई बच्चा पढ़ाई में अच्छा करें तो उसकी तारीफ अवश्य करें ऐसे में बच्चों को नई-नई चीजें सीखना और उसे पढ़ कर समझना अच्छा लगता है। उनके मन में कहीं ना कहीं ये होता है कि आज मै अच्छा करूंगा तो मम्मी मेरी तारीफ करेंगी या पापा मेरी तारीफ करेंगे हो सके तो तारीफ के साथ उन्हे इनाम भी दें।

इससे बच्चो के मन में और अच्छा करने की तीव्र इच्छा जागृत होगी और वे अपना ध्यान पढ़ाई में आसानी से केंद्रित कर पाएंगे।

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Conclusion

आज के इस लेख में हमने जाना छोटे बच्चो को कैसे पढ़ाएं हम उम्मीद करते हैं कि आपको समझ में आ गया होगा की छोटे बच्चो को कैसे पढ़ाना है अगर आपने ये सभी तरीके आजमाए तो आपके बच्चे एक बेहतर भविष्य की ओर आसानी से बढ़ेंगे और भविष्य में उन्हें नई नई चीज़े सीखने कि इच्छा होगी।

हम उम्मीद करते हैं आपको हमारा ये लेख पसंद आया होगा यदि पसंद आया हो तो इसे अपने उन मित्रो के साथ अवश्य शेयर करें जिनके घर में बच्चे हैं और वे भी जानना चाहते हैं कि बच्चो को कैसे पढ़ाया जाए।

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