होली पर निबंध | होली पर निबंध हिंदी में | essay on holi in hindi

आज हम बात करेंगे होली पर निबंध हिंदी में essay on holi in hindi होली का त्यौहार हमारे पूरे भारतवर्ष में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। रंगों की बौछार होती है, गुलाल अथवा अबीर के रंग उड़ते हैं और बड़े ही धूम धाम से होली का त्योहार मनाया जाता है। 

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होली का त्योहार पूरे विश्व भर में जाना जाने लगा है। आज के इस निबंध में हम जानेंगे होली पर निबंध essay on holi in hindi के बारे में पूरी जानकारी और होली का त्योहार कैसे मनाया जाता है।

होली पर निबंध हिंदी में
होली पर निबंध हिंदी में

होली पर निबंध 150 से 200 शब्द:-

प्रस्तावना:-

होली रंगों का त्योहार है, जब ढेर सारे रंग हवा में उड़ते है और चेहरों पर हसी होती है जोकि साफ दर्शाती है कि होली का त्योहार आ गया है। और ये त्योहार हर किसी के चेहरे पर हसी ला देता है। होली पर हम एक दूसरे के साथ हसी ठिठोली करते हैं और सिर्फ हम ही नहीं बल्कि हर कोई उत्साह से झूमता है।

हर धर्म के लोग इस पावन त्यौहार को बड़े ही धूम धाम से मनाते हैं। रंगों का ये त्योहार सभी संप्रदाय, जाति, धर्म, आदि के बंधन खोल कर भाई चारा का संदेश देता है। हिन्दू, मुस्लिम, सिख , ईसाई, सभी भाइयों के साथ मिलकर हम ये त्योहार मनाते है। लेकिन इस त्यौहार पर हमारे आस पड़ोस में काफी गंदगी भी हो जाती है जिसका हमें खास ख्याल रखना चाहिए और सड़को स्वच्छ रखना चाहिए।

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होली का त्योहार कब मनाया जाता है:-

पूरे भारत में होली का त्योहार हर साल बसंत ऋतु के आगमन पर फाल्गुन मास की पूर्णिमा पर ये त्योहार बड़े ही हर्ष और उल्लास के साथ धूम धाम से मनाया जाता है। अगर अंग्रेज़ी में बोले तो होली का त्योहार हर वर्ष मार्च के महीने में मनाया जाता है। फाल्गुन मास के पूर्णिमा पर इस त्योहार को मानने के पीछे पौराणिक और ऐतिहासिक कारण छुपा हुआ है। आगे विस्तार में बात करेंगे।

उपसंहार / निष्कर्ष:-

होली का त्यौहार हम बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं। फागुन मास की पूर्णिमा पर इस त्यौहार को हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। होली के दिन खूब सारे रंग और गुलाल उड़ते है और बच्चे हो या बड़े लोग होली के त्यौहार का बेसब्री से इंतज़ार करते हैं।

होली पर निबंध हिंदी में 10 लाइन:-

होली पर निबंध हिंदी में 10 लाइन जोकि class 2, class 3, class 4, class 5, या सभी class के बच्चो के लिए उपयोगी होगा। इसमें आपको point-wise 10 लाइन का निबंध प्राप्त होगा।
तो चलिए शुरू करते हैं-

1- होली का त्यौहार पूरे भारत में बड़े ही उत्साह और खुशी के साथ मनाया जाता है।

2- होली का ये पावन त्योहार मार्च यानी कि फाल्गुन मास में खूब धूम धाम से मनाया जाता है।

3- होली के एक दिन पहले होलिका दहन का त्योहार मनाते है। जिसमें लोग अपने अंदर की बुराइयों को होलिका में दहन करने के लिए पूजा में सम्मिलित होते हैं।

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4- होलिका दहन के बाद हम एक दूसरे को गुलाल लगाकर बधाई देते हैं। और अगले दिन शाम को नए कपड़े पहन कर होली मिलने जाते हैं।   

5- होली के दिन हम रंगों और गुलाल से होली खेलते हैं और इसी दिन सभी दुकानें, बाजार, ऑफिस, बैंक, स्कूल, कॉलेज सब बंद रहते है।

6- होली के दिन चारों तरफ केवल शोर-शराबा, डीजे, लाउडस्पीकर, लगे होते हैं जो कि बजते रहते हैं।

7- होली के दिन सुबह हम हम सभी भाई लोग एक दूसरे को होली की शुभकामनाएं देते हैं और चेहरे पर अबीर व गुलाल लगाकर होली का त्यौहार मनाते हैं।

8- होली के दिन सुबह पिचकारी में रंग भर कर हम एक दूसरे पर रंग फेकते हैं और साथ ही साथ आते जाते लोगो पर रंग भरे गुब्बारे फेकते हैं और कहते है बुरा ना मानो होली है।

9- होली के दिन शाम को हम अपने दोस्तो और रिश्तेदारों के घर होली की शुभकामनाएं देने जाते हैं।

10- होली के दिन तरह तरह पकवान व अन्य प्रकार की मिठाईयों जैसे गुझिया, रसगुल्ला और माल पुआ जैसी अन्य मिठाईयां भी खाते हैं।

होली पर निबंध 250, 300, 400 से लेकर 600 शब्दों में:-

होली पर निबंध 250, 300, 400 से लेकर 600 शब्दों में लिख रहे हैं और ये सभी class के बच्चो के लिए है class 2,3,4,5,6,7,8,9 to 12 जो कि आप हमारी साइट पर आ के विस्तार से पढ़ सकते हैं।

Essay on holi in hindi
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प्रस्तावना:-

होली भारत का एक प्रचलित और प्रसिद्ध त्यौहार है। जोकि पूरे विश्व में जाना जाता है। होली का त्योहार भारत और नेपाल दोनों देशों में  मनाया जाता है। ढोलक, मंजीरा, और डीजे, और लाउडस्पीकर लगाकर इस पावन त्योहार को मार्च यानी कि फाल्गुन मास के महीने में बड़े ही धूम धाम से मनाया जाता है। जैसे ही मार्च का महीना शुरू होता है सबके दिलो में होली को लेकर जोश बढ़ जाता है।

लोग बड़ी शिद्दत से होली के त्योहार का इंतजार करते हैं। बच्चो में तो होली को लेकर ऊर्जा शक्ति बहुत ही ज्यादा होती है। बच्चे तो पहले से ही ना ना प्रकार की तैयारिया कर लेते हैं। होली के दिन बच्चे पिचकारी को सीने से लगाए, रंग भरे गुब्बारे और बाल्टी में रंग भर कर एक दूसरे पर डालते है। और पूरे मोहिले में पिचकारी लेकर भागते फिरते हैं। ये दृश्य देखने में बहुत ही ज्यादा मनमोहक होता है।

होली की शाम में मित्रो और सगे संबंधियों के साथ मेल मिलाप:-

ढेर सारी हुड़दंग और नाचने गाने करने के बाद शाम के समय हम नए कपड़े पहनते हैं और मित्रों के घर, पड़ोसी के घर और हमारे सगे संबंधियों के घर होली मिलने जाते हैं और होली कि शुभकामनाएं देते हैं। होली के ही दिन शाम को जब हम मिलने जाते हैं तो वहां पर तरह-तरह के पकवान बनते हैं जो हमें खाने को मिलते हैं और हम मजे से पकवान को खाते है और पूरे हर्ष और उल्लास के साथ मनाते हैं।

होली की हलचल पर सभी टीवी चैनल पर होली का प्रसारण:-

जब हम होली का त्यौहार धूमधाम से मना रहे होते हैं तब सभी टीवी पर होली के संगीत, अनेक विश्व कार्यक्रम, और न्यूज़ चैनल पर केवल होली की चीजें ही प्रसारित होती है। पूरे वातावरण में रंगों की सुगंध, और आकाश में अबीर गुलाल ही उड़ते नजर आते हैं।

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होलीका दहन की प्रथा और होली मनाए जाने के कारण:-

होली मनाए जाने का कारण ये है कि प्राचीन काल की बात है जब हिरणकश्यप नाम का एक राक्षस हुआ करता था जोकि नास्तिक था और अपने आपको ही भगवान मानता था। उसकी एक बहन भी थी जो बहुत दुस्ट थी। जिसका नाम होलिका था। होलिका को एक वरदान प्राप्त था की वो आग से कभी नी जल सकती थी। हिरणकश्यप का 1 पुत्र था जिसका नाम प्रह्लाद था। वो भगवान श्री नारायण का भक्त था।

और उनकी खूब पूजा करता था और ये बात उसके पिता यानी की हिरणकश्यप को जरा भी पसंद नहीं थी। वे भगवान श्री नारायण का विरोधी था और उनसे नफरत करता था। इसी वजह से उसने भक्त प्रह्लाद को मारने के अनेक प्रयास किए पर को अपने बेटे को मार ना सका क्युकी स्वयं नारायण उसका बचाव कर रहे थे। जब उसने मारने के अनेक प्रयास करने के बाद वो थक गया तब उसने एक बार अपनी बहन होलिका की मदद मांगी और कहा कि तुम्हे अग्नि नहीं जला सकती और अग्नि से ना मारने का वरदान टमहे प्राप्त है तो तुम प्रह्लाद को लेकर अग्नि में बैठ जाओ।

भाई की बात सुनकर होलिका भक्त प्रह्लाद को लेकर अग्नि में बैठ गई। और होलिका पूरी तरह से जलकर राख हो गई पर भक्त प्रह्लाद को एक खरोच भी नहीं आई क्युकी भगवान नारायण का आशीष उसे प्राप्त था। इसी प्रकार होलिका के दिन अच्छाई की बुराई पर जीत हुई। इसके अलावा अन्य पौराणिक कथाएं भी है जिसका वर्णन हम अगले आर्टिकल में अवश्य करेंगे और विस्तार में कथा के बारे में जानेंगे। 

निष्कर्ष / उपसंहार:-

होली के त्यौहार पर हम बहुत ही खुशी से झूमते हैं। रंगों का माहौल होता है और नाचते गाते से बीतता है और सामान्य आदमी मिठाई अथवा ठंडई का सेवन भी कर लेता है और सुद बुद खोकर होली के त्योहार में डूब जाता है। सबके चेहरों पर हसी ला दे ऐसा है ये पावन त्योहार।

होली का ये त्योहार हम सभी को बहुत खुशी देता है। और हमे बड़े ही धूम धाम से इस त्योहार को मानना चाहिए। होली का त्योहार रंगों की बौछार, ढोलक की ताल, और बच्चो के हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती है। इस पर्व की एक खासियत ये भी है कि हम आपसी मन मुटाव को भूल कर एक दूसरे से गले लग जाते है और गीले शिकवे मिटा देते हैं।

आज हमने आपको होली पर निबंध में detail में बताया कि होली के पावन त्योहार पर क्या क्या होता है। हमारा होली पर निबंध हिंदी में essay on holi in hindi कैसा लगा नीचे कॉमेंट कर के जरूर बताइएगा।

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