रेलवे निजीकरण के लाभ और हानि निबंध | essay on profit and loss of railway privatization

आज हम बात करेंगे रेलवे में निजीकरण की क्या स्थिति है। तो आपको ये बात तो पता ही होगी की भारत में पहली निजी ट्रेन चलाई गई है जिसका नाम तेजस एक्सप्रेस है गौरतलब है की नीति आयोग ने देश के कुछ और प्राइवेट ट्रेनों और रेलवे स्टेशनों के संचालन के निजीकरण का आश्वासन दिया है।

नीति आयोग एक व्यापक योजना पर काम कर रहा है। जिसमें रेलवे स्टेशन के आसपास के सभी क्षेत्रों के विकास की कल्पना की जा रही है। और आपको बता दें कि भारत के पास, भारत , अमेरिका, चीन, और रूस, के बाद दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है। जोकि हर दिन 1.2 करोड़ लोगो एक स्थान से दूसरे स्थान तक लेके जाता है और इस कार्य को करने के लिए भारतीय रेलवे के पास 1.3 मिलियन कर्मचारी है जो काम करते हैं।

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परंतु बीते दो दशकों में भारतीय रेलवे में निजीकरण का विषय चर्चा में आया है। हालांकि ये सच है कि भारतीय रेलवे दुनिया दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में सेवा देने हेतु प्रशंसा का हकदार है। लेकिन कुछ पहलुओं में जैसे खान पान, ट्रेनों का लेट होना, अत्यधिक दुर्घटना, इन सब के चलते भारतीय रेलवे की काफी आलोचना भी हुई है। इन्हीं आलोचना के चलते भारत के रेलवे डिपार्टमेंट में निजीकरण कि हवा उठी हैं।

निजीकरण पर निबंध इन हिंदी

रेलवे निजीकरण के कारण:-

1- भारतीय रेलवे अपने हर सेवा देने में सक्षम  रहा है परंतु आधुनिकीकरण के साथ तालमेल बैठाने में कामयाब नही हो पाया है। लेकिन इसके लिए कार्य जारी है।

2- रेलवे अपनी सेवाओं जैसे – टिकटे, खान पान, कोच की सफाई, टिकट चेकिंग, इन सब विषयो पर ग्राहकों को संतुष्ट करने में सफल नहीं हो पाई है, यही कारण लोगो का रेलवे के प्रति नाराजगी का मुख्य कारण है।

3- ट्रेनों का लेट होना भी प्रमुख कारण में से एक है इसपर भी रेलवे के समक्ष बड़ी चुनौती है।

4- तकनीकी मामलों में भी भारतीय रेलवे उच्च मानकों को प्राप्त करने में सफल नहीं हो पाई है। यही कारण है की समय समय पर अंतराल में रेल दुर्घटनाएं होती रहती है। और इसकी खबरे आती रहती हैं।

तो ऐसे कई सारे कारण है जिसकी वजह से रेलवे में निजीकरण होने की बात चर्चा में आई है।

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रेलवे निजीकरण के उद्देश्य:-

1- सरकार का बोझ कम करना जिसके बाद सरकार का बोझ कम हो जाएगा और रेलवे का स्वामित्व निजी मालिक के हाथ में आ जाएगा।

2- प्रतियोगिता को बढ़ाने के लिए रेलवे में निजीकरण जारी किया जा रहा है।

3- अनावश्यक जो भी हस्ताक्षेप होंगे फोन को कम करने के लिए रेल्वे निजीकरण किया जा रहा है।

रेलवे निजीकरण के फायदे / लाभ:-

रेलवे के निजीकरण के बाद कुछ फायदे तो अवश्य होंगे जैसे कि –

1- बेहतर बुनियादी ढांचा:-

निजीकरण के संबंध में यह कहा जा सकता है कि रेलवे के निजी करण से एक बेहतर बुनियादी ढांचे को रूप दिया जा सकेगा जिससे कि भारत के  पर्यटन स्थिति में भी सार्थक बदलाव देखने को मिलेगा।

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लोगों में अक्सर इस बात को लेकर असंतोष दिखता है कि उनके द्वारा भुगतान किए गए रुपए और उन तक मुहैया होती सुविधाएं आपस में मेल बिल्कुल भी नहीं खाती है तो ऐसा कहा जा सकता है कि रेलवे के निजीकरण से इस असंतोष को संतोष में बदला जा सकेगा।

2- दुर्घटनाओं में कमी:- 

ऐसा कोई रिसर्च से पता लगाया गया है कि रेलवे में बढ़ती दुर्घटनाओं के पीछे रेलवे में ठीक से रखरखाव ना होना और उनके विकास को बढ़ावा ना देना है निजीकरण के समर्थकों का यह कहना है कि यदि हमें रेलवे में दुर्घटनाओं को रोकना है तो हमें निजी क्षेत्र का आगमन अवश्य करवाना चाहिए।

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3- प्रतियोगिता में वृद्धि:-

अभी तक रेलवे में सरकार का आधिपत्य है। लेकिन निजीकरण के बाद इसपर मलिकाना हक किसी इंसान का हो जाएगा, और उससे प्रतियोगिता में बढ़ोतरी होगी जिसकी वजह से ग्राहकों को बेहतर सेवाएं प्राप्त कराई जाएंगी।

रेलवे निजीकरण के लाभ
रेलवे निजीकरण के लाभ

रेलवे निजीकरण के नुकसान / हानि:-

रेलवे निजीकरण के नुकसान कुछ इस प्रकार है आइए एक नजर इसपर भी डालते हैं:-

1-सीमित कवरेज:- 

रेलवे के राष्ट्रीयकरण से सबसे बड़ा फायदा यही होता है कि इससे लाभ कमाने पर ध्यान ना देते हुए राष्ट्रीय कनेक्टिविटी व राष्ट्रीय विकास पर ध्यान आकर्षित होता है।
वहीं दूसरी ओर निजीकरण के संदर्भ में स्वयं का लाभ कमाने पर सबसे ज्यादा जोड़ दिया जाता है जो कि सही नहीं है।

2- सामाजिक न्याय:-

निजी उद्यमों का एकमात्र उद्देश्य यही रहता है कि उन्हें भरपूर लाभ कमाना है। और जिसका सबसे आसान तरीका किराए में वृद्धि है और अगर ऐसा होता है तो इसका गहरा प्रभाव आम इंसानों पर ही पड़ेगा।

3- जिम्मेदारी ना लेना:- 

निजी कंपनियों में अक्सर जवाबदेही ताकि कमी पाई जाती है अपने लाभ कमाने के चक्कर में निजी कंपनियां सदैव लोगों के लाभ एवं भलाई को नजरअंदाज करते हैं तो ऐसे में रेलवे के निजीकरण अपने आप में कई समस्याओं को जन्म देने वाला साबित हो सकता है।

रेलवे निजीकरण के नुकसान
रेलवे निजीकरण के नुकसान

निष्कर्ष / उपसंहार:-

आज के रेलवे निजीकरण के लाभ और हानि निबंध essay on profit and loss of railway privatization से ये तो पता चल गया की भारतीय रेलवे के सामने कड़ी चुनौती है। जिसे अनदेखा नहीं किया जा सकता है। जैसा की रेलवे निजीकरण के फायदे में हमने निजीकरण होने के फायदे जाने उससे यही लगता है की निजीकरण से देश का भला संभव है। परंतु ये पूरी तरह से फायदेमंद है ऐसा नहीं कहा जा सकता।

हमने आपको रेलवे निजीकरण के ऊपर पूरी जानकारी देने की कोशिश की है आशा करते हैं आपको आर्टिकल अच्छा लगा होगा। अगर अच्छा लगा हो तो इसे अपने मित्र और सगे संबंधी के साथ अवश्य करें और नीचे कमेंट सेक्शन में जरूर बताएं कि आपको ये आर्टिकल कैसा लगा।

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